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उदास दिनों में / गोविन्द माथुर

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अपने सब से उदास दिनों मे भी

इतना उदास नहीं था मैं


तब उदास होने के लिए

कुछ भी ज़रूरी नहीं था


पेड़ो से झर रहे हों पत्ते तो

उदास हो जाया करता था

मेघो से टपक रही हों बूंदें

तो उदास हो जाया करता था


मेरे सब से उदास दिनों में

इतने बुरे नहीं थे लोग

अपने बुरे दिनों में

सब से अच्छे मित्रों के साथ रहा मैं


पृथ्वी के सब से उदास दिनों में भी

अपने सब से अच्छे मित्रों के

साथ रहना चाहता हूँ मैं