भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
सदस्य:Vinod Sachan
Kavita Kosh से
Vinod Sachan (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:19, 13 मई 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: == नया == मै नया हूँ अभी तो ज्वाइन किया अभी सुरू हो गया नया तो हूँ, कब …)
नया
मै नया हूँ अभी तो ज्वाइन किया अभी सुरू हो गया नया तो हूँ, कब तक नया रहूँगा कब तक समझाता रहूँगा कि मै नया हूँ। यह तो सच है कि मै आपके बीच बिलकुल नया हूँ।
कुछ कर सकूंगा तो नहीं कर सकूंगा तो कुछ दिन बाद मै तो हूँगा न नया या फिर पुराना खुड्डा या फिर जडीला या फिर वैसा का वैसा ही बना रहूँगा, सोचता हूँ कि क्या मै नया का नया ही रहूँगा।
कास ऐसा हो जाये नया पन ही हमेसा के लिए जुड़ जाये। जीवन न जाये लोग पुराना न कहे नए का ही तगमा नहीं आई एस ओं का लेबल नयेपन में चपक जाये.