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वीर आदमी / मुकेश मानस
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वीर आदमी
खराब समय
सपने तोड़ता है
वीर आदमी
खराब समय में भी
सपने जोड़ता है
समय की धार को
वीर आदमी ही मोड़ता है
रचनाकाल:1989