भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

पूजा की लोरी / मुकेश मानस

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

सोए तारे, सोया चंदा
सोई फूलों की बगिया
सो जा मेरी मुनिया

निंदिया रानी आई है
सुन्दर सपने लाई है
सुन्दर सपनों में खो जा
सो जा मेरी मुनिया

भूल जा दिन की बातों को
पप्पा जी की डांटों को
उनका हाथ बना तकिया
सो जा मेरी मुनिया

कल फिर सुबह आएगी
बिटिया पढ़ने जाएगी
एक दिन समझेगी दुनिया
सो जा मेरी मुनिया

रचनाकाल:2000