भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

जीवनदाता पेड / दीनदयाल शर्मा

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 02:49, 17 जून 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दीनदयाल शर्मा }} {{KKCatBaalKavita}} <poem> तूफानों से डरें नहीं, …)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

तूफानों से डरें नहीं,
यह पेड़ हमें बतलाते हैं ।
पतझड़ में पत्ते झड़ जाएँ,
फिर भी ये मुस्काते हैं ।

पतझड़ बाद बसंत जब आए,
डाल-डाल हरियाली छाए ।
ढेरों फल इन पर लग जाएँ,
फिर भी ये झुक जाते हैं ।

पेड़ हमारे जीवनदाता,
इनसे जन्म-जन्म का नाता।
भेदभाव नहीं संग किसी के,
शीतल छाँव लुटाते हैं ।।