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समकालीन / गोरख पाण्डेय
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कहीं चीख उठी है अभी
कहीं नाच शुरू हुआ है अभी
कहीं बच्चा हुआ है अभी
कहीं फ़ौजें चल पड़ी हैं अभी ।
(रचनाकाल : 1981)