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तितली / रमेश तैलंग
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इधर उड़ी, उधर उड़ी,
फैलाकर पर उड़ी।
तितली है नाम मेरा
फर-फर-फर-फर उड़ी।
कितने हैं रूप मेरे
कितने हैं रंग मेरे।
अगर जानना है तो उड़ो संग-संग मेरे।