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अगहन / अरुण कमल
Kavita Kosh से
1.
खेत पीले
हरा पेड़
नीला आकाश
बगुले सफ़ेद
2.
चुप
कर देते हैं धान से भरे खेत
जैसे बाढ़ की नदी
जैसे किसी सुन्दर युवती का बहस के बीच
सहसा प्रवेश
जैसे पहाड़ी चढ़ाई पर ट्रक की धीर गति
और गम्भीर थिर रोशनी का थम्भ
लगातार उठता ऊपर
आकाश
चुप