भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

ईमान हेरायल / कालीकान्त झा ‘बूच’

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

आइ हमर ईमान हेरायल!
मोंट घांट ढमकल मंदिर में
अंग भंग भगवान हेरायल
भ्रष्ट भेल आचार विकल अछि

आइ विचार जठर ज्वाला में
जत' बनल सुमनक सिनेह से
कंठ सजल मुण्डक माला सं
ग्लानिक देह कत' के गारत

लाजक कब्रिस्तान हेरायल
दुःशासनक सबल शत प्रतिशत
भ्राता देखू भ्रष्ट भेल छथि
पाण्डु पुत्र उन्मन उदास छथि

अग्रज केँ वर कष्ट भेल अछि
पापीगणक प्रचंड पयोनिधि
में धर्मक जलयान हेरायल
लागल कपट विकास पसाही

भारत सत्यानाश भेल रे
गाम गाम सावनक घटा आ
ठाम ठाम मधुमास भेल रे
कात करौटक कथा कोन रे
सौंसे हिंदुस्तान हेरायल