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पतंग / सुरेश विमल
Kavita Kosh से
बिन सीढ़ी के
पलक झपकते
आसमान में
चढ़ी पतंग।
राजा नभ के
नील मुकुट में
माणिक जैसी
जड़ी पतंग।
नाचे है जब
ठुमका देकर
लगती सचमुच
परी पतंग।
कठपुतली से
करती करतब
नीली पीली
हरी पतंग।