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मृत्यु-2 / दीप नारायण
Kavita Kosh से
जन्म लैत देरी
सुरु होइछ मृत्युक तामझाम
लोक जकरा कहैत छैक जीवन
विआह, मुरन, उपनयन
वा जीवनक कोनो उत्सव पर
जखन हँसैछ
खुश होइछ लोक
पुलकित होइछ जीवन
पैघ जीवनक आशीर्वाद दैत
मृत्यु सेहो बजबैछ थोपरी
जीवनक एहि रंगमंच केँ
मृत्यु सँ नीक आओर केँ परखत।