नया पृष्ठ: सुब्ह का अफ़साना कहकर शाम से खेलता हूं गर्दिशे-आय्याम1से उनकी या…
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नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार='अना' क़ासमी }} '''संक्षिप्त परिचय''' नाम : मौलाना ह…
नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शकील बँदायूनी }} </poem> क्या क़शिश1 हुस्ने-रोज़गार म…
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नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKParichay |चित्र=Shakeel_bandayuni.jpg |नाम=शकील शकील बदायूँनी {{KKCatGhazal}} <poem>रचना यहा…
नया पृष्ठ: आराइशे-खुर्शीदो-क़मर किसके लिए है जब कोई नहीं है तो ये घर किसके लि…
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नया पृष्ठ: जाने क्या दुश्मनी है शाम के साथ दिल भी टूटा पड़ा है जाम के साथ लफ…
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नया पृष्ठ: आप इस छोटे से फ़ितने को जवां होने तो दो वो भवें चढ़ने तो दो तीरो-कम…
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नया पृष्ठ: मेरा खूने-जिगर होने को है फिर कोई तिरछी नज़र होने को है फिर तिरी ख…
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नया पृष्ठ: उल्फ़त का फिर मन है बाबा फिर से पागलपन है बाबा सब के बस की बात नही…
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नया पृष्ठ: इक ख़्वाब ले रहा है ऊँची उड़ान फिर थामे समय खड़ा है तीरो-कमान फिर …
नया पृष्ठ: फिर पुरानी राह पर आना पड़ेगा उसको हिन्दी में ही समझाना पड़ेगा गर…
नया पृष्ठ: जीतने की अगरचे आस नहीं मैंने छोड़ा मगर प्रयास नहीं तू भी पारो कहा…
नया पृष्ठ: आज कल तो रास्ता अँधे भी दिखलाने लगे लो अँधेरे रौशनी का मर्म समझान…
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नया पृष्ठ: अक्सर मिलना ऐसा हुआ बस लब खोले और उसने कहा बस तब से हालत ठीक नहीं …
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नया पृष्ठ: अब हलो हाय में ही बात हुआ करती है रास्ता चलते मुलाक़ात हुआ करती …
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नया पृष्ठ: तेरी इन आंखों के इशारे पागल हैं इन झीलों की मौजें,धारे पागल है चा…
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नया पृष्ठ: चलो जाओ ,हटो कर लो तुम्हें जो वार करना है हमें लड़ना नहीं है बस हमे…
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नया पृष्ठ: बर्थ पर लेट के हम सो गये आसानी से फ़ायदा कुछ तो हुआ बे सरो सामानी स…
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नया पृष्ठ: हमारे बस का नहीं है मौला ये रोज़े महशर हिसाब देना तिरा मुसलसल सवा…
नया पृष्ठ: वो अभी पूरा नहीं था हां मगर अच्छा लगा जंगले से झांकता आधा क़मर अच्…
नया पृष्ठ: बचा ही क्या है हयात में अब सुनहरे दिन तो निपट गये हैं यही ठिकाने के…
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नया पृष्ठ: ऐसी करतूतों पर मेरी इस जिह्वा से गाली ही छूट गई देखो तो मरियल सा सा…
नया पृष्ठ: बचा ही क्या है हयात में अब सुनहरे दिन तो निपट गये हैं: यही ठिकाने क…
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नया पृष्ठ: आंखों से दूर सुब्ह के तारे चले गए नींद आ गई तो ग़म के नज़ारे चले गए …