मधुप मोहता विदेश सेवा संस्थान, विदेश मंत्रालय, नई दिल्ली में संयुक्त सचिव पद पर कार्यरत हैं। काफ़ी समय से आप हिंदी लेखन कार्य से जुडे़ हैं। देश-विदेश में आपकी कविताओं के पाठ होते हैं। आपके इस काव्य संकलन को 'मैथिलीशरण गुप्त सम्मान' से सम्मानित किया गया है।
समय की रेत पर छूटे निशानों की तरह होती है कविता। कविता-जिसमें दर्द आकार पाता है, टूटे मन की व्यथा शब्दों के ज़रिए मुखर हो उठती है। कविता-जो सपनों और कल्पनाओं के ताने-बाने से बिनी झीनी चदरिया की तरह होती है। कविता-जो समर्पित होती है किसी अदेखें, अजाने व्यक्तित्व को।
'समय, सपना, और तुम' कवि मधुप मोहता की ऐसी ही कुछ भावपूर्ण कविताओं का संकलन है, जिनमें उनके कवि मन की कोमल अनुभूतियां साकार होती हैं।