Last modified on 20 दिसम्बर 2010, at 06:54

मांयली आंख / सांवर दइया

Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 06:54, 20 दिसम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=सांवर दइया |संग्रह=आखर री आँख सूं / सांवर दइया }} [[Ca…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

धूंवै अर भाप में डूब्या
छापौ छाणै हा म्हैं-
खाकी रंग जद खार खावै
गळी-गुवाड़
भागलपुर बण जावै !

उण बगत
सळां भरी चामड़ी
अर धोळा केस बोल्या-
कूड़………कूड़………साव कूड़
आंख्यां ही कठै
जिनको फोड़ी
अर जे फोड़ी ई हुवै
तो इजरज कांई
जद आंधां नै आंधा करै आंधा

ठीक है
आंख ई देखै
आंख हुवणी चाइजै
पण
आंख तो मांय चाइजै !