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नफ़स-नफ़स क़दम-क़दम / शलभ श्रीराम सिंह

ये गीत अधूरा है, आपके पास हो तो इसे पूरा कर दें ।

नफ़स-नफ़स, क़दम-क़दम
बस एक फ़िक्र दम-ब-दम
घिरे हैं हम सवाल से, हमें जवाब चाहिए
जवाब दर-सवाल है कि इन्क़लाब चाहिए
इन्क़लाब ज़िन्दाबाद
ज़िन्दाबाद इन्क़लाब
जहाँ आवाम के खिलाफ साजिशें हों शान से
जहाँ पे बेगुनाह हाथ धो रहे हों जान से
वहाँ न चुप रहेंगे हम,कहेंगे हाँ कहेंगे हम
हमारा हक हमारा हक हमें जनाब चाहिए
 इन्क़लाब ज़िन्दाबाद
ज़िन्दाबाद इन्क़लाब