Last modified on 28 दिसम्बर 2010, at 13:56

जीवण / प्रमोद कुमार शर्मा

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:56, 28 दिसम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=प्रमोद कुमार शर्मा |संग्रह=बोली तूं सुरतां / प्र…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)


जीवण
फगत लोक संगीत‘ई नीं
जिकै नै सुणता रैवां आखी उमर !

जीवण
शोक संगीत भी है
जिकै नै सुणनौ है बाद मौत रै भी।

क्यूं कै
लोक संगीत ई पैदा हुयौ है
कोख स्यूं शोक संगीत री !