Last modified on 29 दिसम्बर 2010, at 21:42

एक मंज़र / साहिर लुधियानवी

Singhpratapus (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:42, 29 दिसम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: 'उफक के दरीचे से किरणों ने झांका फ़ज़ा तन गई, रास्ते मुस्कुराये)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

'उफक के दरीचे से किरणों ने झांका फ़ज़ा तन गई, रास्ते मुस्कुराये