Last modified on 29 दिसम्बर 2010, at 21:43

एक मंज़र / साहिर लुधियानवी

Singhpratapus (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:43, 29 दिसम्बर 2010 का अवतरण

उफक के दरीचे से किरणों ने झांका

फ़ज़ा तन गई, रास्ते मुस्कुराये