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तीन / मनमोहन

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न्यायमूर्त्ति न्याय करें !

चाहें तो डर लें
चाहें तो तरक़्क़ी कर लें
लेकिन न्यायमूर्त्ति न्याय करें
और कानून सम्मत !

फ़ैसले हो चुके हैं
लेकिन न्यायमूर्त्ति उन्हें
करके बताएँ ।

(अगस्त 1980)