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प्रिय प्रवास / अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’

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प्रिय प्रवास
Priyapravas.jpg
रचनाकार अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’
प्रकाशक
वर्ष
भाषा हिन्दी
विषय कविताएँ
विधा खंडकाव्य
पृष्ठ
ISBN
विविध
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पवन - दूतिका

बैठी खिन्ना यक दिवस वे गेह में थीं अकेली ।
आके आँसू दृग-युगल में थें धरा को भिगोते ।।
आई धीरे इस सदन में पुष्प-सद्गंध को ले ।
प्रातः वाली सुपवन इसी काल वातायनों से ।।१।।