क़िताबें केवल
पढ़ने के लिए होती हैं
अलमारी में रखने
या सजाने के लिए नहीं
हम क़िताबें
केवल छपवाते हैं
और फिर
दूसरों को दिखाते हैं
बस !
मूल पंजाबी से अनुवाद : अर्जुन निराला
क़िताबें केवल
पढ़ने के लिए होती हैं
अलमारी में रखने
या सजाने के लिए नहीं
हम क़िताबें
केवल छपवाते हैं
और फिर
दूसरों को दिखाते हैं
बस !
मूल पंजाबी से अनुवाद : अर्जुन निराला