बकझक
बकझक
नहीं करो,
उल्टे पाँव नहीं डगरो;
सच की साँस चलो
गाँस-फाँस से
बच निकलो;
अपने प्राण पलो
फूलो और फलो।
रचनाकाल: ३१-१२-१९९१
बकझक
बकझक
नहीं करो,
उल्टे पाँव नहीं डगरो;
सच की साँस चलो
गाँस-फाँस से
बच निकलो;
अपने प्राण पलो
फूलो और फलो।
रचनाकाल: ३१-१२-१९९१