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निवेदन / चन्द्रकुंवर बर्त्वाल

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विदा-विदा हे हरित तृणों की सुन्दर धरती ।
विदा-विदा हे मानव पशु की पूजित जननी
विदा हृदय के सुख चिर विदा प्राण-प्रिय यौवन ।