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गगारिन / मख़दूम मोहिउद्दीन

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मुबारक तुझे ओ ज़मीं के मुसाफ़िर
ज़मीं व ज़माँ<ref>सॄष्टि और काल</ref> की हदें तोड़ कर
आसमानों पे जाना
हवाओं से आगे, ख़ुलाओं<ref>अंतरिक्ष</ref> से आगे
मह व कहकशाँ<ref>चाँद और आकाशगंगा</ref> की फ़िज़ाओं से आगे
मुबारक सितारों की चिलमन हटाना
सरे जुल्फ़े नाहीद<ref>शुक्र ग्रह</ref> को छू के आना
दिले इब्ने आदम की धड़कन सुनाना
मुबारक तुझे ओ ज़मीं के मुसाफ़िर
ज़मीं व ज़माँ की हदें तोड़ कर
आसमानों पे जाना ।

शब्दार्थ
<references/>

<ref></ref>