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विश्वयुद्ध / अम्बिका दत्त

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यह आवश्यक तो नहीं
कि सभी युद्धों का आधार
सिर्फ घृणा हो
क्या प्रेम की महती आकांक्षाओं के लिये
निर्णायक युद्ध नहीं लड़े जा सकते ?

पूर्णता से परिपूरित
ओ गंधाश्वरोहियों !
आओ
प्रेम की उदात्त भावनाओं से प्रेरित
एक घमासान विश्वयुद्ध रचें
‘अप्रेम’ के खिलाफ।