Last modified on 10 फ़रवरी 2011, at 17:42

हृदय / दिनेश कुमार शुक्ल

Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:42, 10 फ़रवरी 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दिनेश कुमार शुक्ल |संग्रह=कभी तो खुलें कपाट / दि…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

सो गया हूँ मैं
तुम्हारे
हृदय के पर्यंक पर
दहकते दो सूर्य
मेरी कनपटी पर --
हृदय है
कि सेज है
कि चिता है ?