बन रहे हैं, फूटते हैं, बुलबुले
झर रहा आषाढ़ का झाला
एक चिड़िया चुग रही है बुलबुले
बह गया है जाल ...
उत्ताल जल की ताल
झाला बज रहा है
बन रहे हैं, फूटते हैं, बुलबुले
झर रहा आषाढ़ का झाला
एक चिड़िया चुग रही है बुलबुले
बह गया है जाल ...
उत्ताल जल की ताल
झाला बज रहा है