Last modified on 17 फ़रवरी 2011, at 12:59

धिंगाणियों / कन्हैया लाल सेठिया

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:59, 17 फ़रवरी 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कन्हैया लाल सेठिया |संग्रह=क-क्को कोड रो / कन्ह…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)


उड़तां ही
गिगनार रै
आळै स्यूं हंस
बड़ग्यो
माय कागलो,
बणग्यो जोरां मरदी
मानसरोवर स्यूं
चुग‘र ल्यायोड़ा
अमोलक
नखत मोत्यां री
धणी !