Last modified on 17 फ़रवरी 2011, at 17:04

कारीगर / कन्हैया लाल सेठिया

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:04, 17 फ़रवरी 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कन्हैया लाल सेठिया |संग्रह=क-क्को कोड रो / कन्ह…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)


छांटणां पड़ै
हरेक रचणां सारू
परवाणै रा सबद
मुस ज्यावै काठा स्यूं
कंवळा पग,
ढीलां स्यूं
कोनी भर सकै डग
जका जाणै आ साच
बै उठासी ले‘र माप
कलम‘र कागद !