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घाटी-घाटी / चन्द्रकुंवर बर्त्वाल

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कृषक जोतते खेतों को घाटी-घाटी में
कृषक नारियाँ गाती-गाती काट रही हैं
खेतों-खेतों की पीली शोभा तरू-तरू पर
रस संचित करते फल, बन-बन में चरती हैं
पशुओं की टोलियाँ, कूकते सुन्दर पंछी ।