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मृत्यु चक्रे / चन्द्रकुंवर बर्त्वाल

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दुर्भेद्य जाल-सा जकड़ प्राण
गाता समुद्र के रूद्र-गान
जब भूखी नागिन-सी तरंग
डसती तरणी के अंग-अंग