Last modified on 14 जून 2007, at 10:56

ईर्ष्या / अरुण कमल

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:56, 14 जून 2007 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} रचनाकारः अरुण कमल Category:कविताएँ Category:अरुण कमल ~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~ सचमुच...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

रचनाकारः अरुण कमल

~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~


सचमुच विश्वजीत

मुझे तुम्हारा यह ऎश ट्रे बहुत पसन्द है

बिल्कुल पापी के फूल की तरह

खिल रहा है तुम्हारे टेबुल पर

सचमुच


कल न्यूट्रन बम गिरेगा

हम तुम सब मर जाएँगे

सब कुछ नष्ट हो जाएगा

फिर भी इस टेबुल पर इसी तरह चमकता रहेगा

शान से यह ऎश ट्रे


आज मुझे

इस ऎश ट्रे से ईर्ष्या हो रही है

मुझे ईर्ष्या हो रही है ।