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पिता-3 / नरेश चंद्रकर

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वे घर में रहते हैं
टहलते हैं

और हिलता है सारा परिवार
उनकी आँखों में

कल नहीं रहेंगे यदि वे

तो...?

तो कहाँ बजेगी जल-तरंग
कैसे सहलेगी पीठ

कौन होगा घर की नींव में!