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वह लड़की / अनिल जनविजय

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दिन था गर्मी का, बदली छाई थी

थी उमस फ़ज़ा में भरी हुई

लड़की वह छोटी मुझे बेहद भाई थी

थी बस-स्टॉप पर खड़ी हुई


मैं नहीं जानता क्या नाम है उसका

करती है वह क्या काम

याद मुझे बस, संदल का भभका

और उस के चेहरे की मुस्कान


(2005 में रचित)