जब तक मैं कहता रहा
जीवन की कथा उदास
उबासियाँ आप लेते रहे
बैठे रहे मेरे पास
पर ज्यों ही शुरू किया मैं ने
सत्ता का झूठा यश-गान
सिर-माथे पर मुझे बैठाकर
किया आप ने मेरा मान
(2004 में रचित)
जब तक मैं कहता रहा
जीवन की कथा उदास
उबासियाँ आप लेते रहे
बैठे रहे मेरे पास
पर ज्यों ही शुरू किया मैं ने
सत्ता का झूठा यश-गान
सिर-माथे पर मुझे बैठाकर
किया आप ने मेरा मान
(2004 में रचित)