Last modified on 25 जून 2007, at 12:02

घटना / त्रिलोचन

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:02, 25 जून 2007 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=त्रिलोचन }} जिसे मैंने खोजा, पल पल सँवारा स्मरण से, उसे ...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)


जिसे मैंने खोजा, पल पल सँवारा स्मरण से,

उसे देखा आँखों, तन मन बिसारे विकल हो,

किसी के पीछे है. सकल घटना भर्तृहरि की

लिखी देखी आगे. अगम तम में भी सुगम था .