Last modified on 5 मई 2011, at 19:38

ग़ज़ल-6 / मुकेश मानस

Mukeshmanas (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:38, 5 मई 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मुकेश मानस |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem> तेरे चेहरे पे क्य…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)


तेरे चेहरे पे क्यों उदासी है
नमी आंखों में क्यों ज़रा सी है

हँसाती भी है, रूलाती भी है
ज़िन्दगी इक अजब अदा सी है

जिसने तुझसे बाँध रखा है मुझे
कुछ रौशनी, कुछ हवा सी है

तू नादान है ना समझे मेरी बातें
मासूम छोटी बच्ची ज़रा सी है
2007