रामू की चिट्ठी
कभी नहीं आती
केवल वह मालिक के लिए
चिटि्ठयाँ लाता है और ले जाता है,
डाकिया तो उसका
नाम तक नहीं जानता,
फिर भी उसके थैले की तरफ
एक बार झॉंकता है
वह जरूर ।
रामू की चिट्ठी
कभी नहीं आती
केवल वह मालिक के लिए
चिटि्ठयाँ लाता है और ले जाता है,
डाकिया तो उसका
नाम तक नहीं जानता,
फिर भी उसके थैले की तरफ
एक बार झॉंकता है
वह जरूर ।