अलग-अलग
होता सबको शोर -
भीड़ का
रोने का
बहते पानी का और
गुस्से का
थक जाता जब
सारा शोर
शांति होती है
सबकी एक जैसी ही ।
अलग-अलग
होता सबको शोर -
भीड़ का
रोने का
बहते पानी का और
गुस्से का
थक जाता जब
सारा शोर
शांति होती है
सबकी एक जैसी ही ।