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तरबूज / नरेश अग्रवाल

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जब उसे काटा गया
दो टुकड़े में
होंठ दिखला- दिखलाकर
हॅंस रहा था वह
फिर उसे काटा गया
अनेक टुकड़ों में
अब वह मुँह फाड़-फाडक़र
हॅंस रहा था
धडऩुमा थाल में ।