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मैं ओजोनी के लिए सेरी पका रही हूँ ,
इसका एक हरा कोमल तना है
सफ़ेद नीचे से .
बैंगनी,हरी पत्तियां
जैसे ही काटती हूँ इसे चाक़ू से
खेतों की तेज़ खुशबू
बस जाती है हर ओर मेरे .
याद दिलाती उन दिनों की
मेरे अपने शहर की
लहलहाती सेरियां निर्मल जलधारा में ,
जोड़ती दो चोटियों को
सोप्पोरो में मदमस्त त्सुकिसमु पहाड़ की .
मेरे बचपन में
गयी थी मैं, माँ के साथ चुनने सेरियां
वह पहने थी किमोनो, हल्का भूरा धारीदार
अब सोचती हूँ की वह केवल
बत्तीस साल की थी तब .
हैरान हूँ मैं कि क्यूँ वह दृश्य
इतना पुराना
चौंध रहा है मस्तिष्क में !
कितने गहरे छपा है यह मेरी यादों में !
अनुवादक: मंजुला सक्सेना