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आगे वाला मकान तोड़ दिया गया .
तीस वर्षों का इतिहास होगया धूल धूसरित
कुछ भी शेष नहीं है
बस रह गया है शून्य .
मैं देख सकती हूँ आधारभूमि
अपने दूसरे तल के दालान से
मैं देखती हूँ -
पश्चिमी आकाश विस्तृत है
कुछ नहीं करता अवरुद्ध मेरी दृष्टि
नीले आकाश तक
ब्रह्मांड लगता है कुछ और निकट
कुछ भी नहीं है कृत्रिम धरती पर
शून्य सर्व श्रेष्ठ है !
शून्य अंत है और आरम्भ भी
अनुवादक: मंजुला सक्सेना