Last modified on 27 जून 2007, at 09:23

परछाईं / मंगलेश डबराल

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:23, 27 जून 2007 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} रचनाकारः मंगलेश डबराल Category:कविताएँ Category:मंगलेश डबराल ~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

रचनाकारः मंगलेश डबराल

~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~


परछाईं उतनी ही जीवित है

जितने तुम


तुम्हारे आगे-पीछे

या तुम्हारे भीतर छिपी हुई

या वहाँ जहाँ से तुम चले गये हो ।


(रचनाकाल :1975)