रचनाकारः मंगलेश डबराल
~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~
कविता दिन-भर थकान जैसी थी
और रात में नींद की तरह
सुबह पूछती हुई :
क्या तुमने खाना खाया रात को ?
(रचनाकाल : 1978)
रचनाकारः मंगलेश डबराल
~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~
कविता दिन-भर थकान जैसी थी
और रात में नींद की तरह
सुबह पूछती हुई :
क्या तुमने खाना खाया रात को ?
(रचनाकाल : 1978)