देना
इतनी शक्ति भर
कि अन्याय को न सहन कर सके
लाख शत्रु बढ़ जाये
हो
इतनी शक्ति भर
कि शामिल न हो उनके कृत्यों में
शक्ति अन्याय की लाख बढ़ जाये
देना
इतनी शक्ति भर
कि अन्याय को न सहन कर सके
लाख शत्रु बढ़ जाये
हो
इतनी शक्ति भर
कि शामिल न हो उनके कृत्यों में
शक्ति अन्याय की लाख बढ़ जाये