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संत बनने की सनद / नील कमल

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जो संत नहीं, वे ही बनाते हैं संत
वेटिकन के कारख़ाने में
ईश्वरीय आशीर्वाद का प्रसाद बाँटते पोप

पोप के हाथ में सनद
सनद मे मोनिका, मोनिका में भारत
भारत जुड़ता है वेटिकन से

संत बनने की पहली सीढ़ी
चढ़ती हैं मदर टेरेसा मृत्यु के बाद

इस तारीख़ में धूसर रहेंगी
जॉर्ज बुश से लेकर दाऊद इब्राहिम तक की ख़बरें

बिसरा दी जाएँगी इस तारीख़ में
सुष्मिता विश्वास, विकास कर्मकार की मौत की ख़बरें

शायद न पहुँचे वेटिकन तक
वाजपेयी का बयान, इस तारीख़ में

किसी भी संत के क़द से बड़े क़द वाली
आत्मा को भला क्या फ़र्क पड़ता है
संत कहलाने से

वेटिकन में कारख़ाना चालू है
कारख़ाने से पैदा संत के लिए ज़रूरी है
चमत्कारी और अतिमानवीय होना

मोनिका तभी तो चमत्कार से होती है दो-चार
मदर टेरेसा की तस्वीर करती है वह काम
न कर पाए जो दवा-दारू

वेटिकन में चालू है कारख़ाना
और दुनिया के सामने है सवाल
फ़र्क किसे पड़ता है
दुनिया में एक और संत पैदा होने से

शायद वह मोनिका है
शायद वह सेलकू है
शायद वह गोपीनाथ है

मोनिका के कच्चे घर की छत पर
चमचमाती टिन कह रही है कुछ

मोनिका संत बनने की सनद है
सनद है इसलिए संत के क़रीब है
मोनिका हवाई-यात्रा पर है इस तारीख़ में
और सड़कों पर है
मोनिका जैसे आदिवासियों का जुलूस

मदर टेरेसा के शहर में
जुलूसों पर लगी है रोक, इस तारीख़ में

कोई कहता है
मोनिका पोप के बगल में
संत बनने की सनद है

सनद होती है आख़िरकार
महज एक दस्तावेज़ ।