Last modified on 5 जून 2011, at 17:01

गीतावली अरण्यकांड पद 6 से 10 तक/पृष्ठ 3

Dr. ashok shukla (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:01, 5 जून 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=तुलसीदास |संग्रह= गीतावली/ तुलसीदास }} {{KKCatKavita}} [[Category…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

(8)
जटायु-वध
फिरत न बारहि बार प्रचार्यो |
चपरि चोञ्च-चङ्गुल हय हति, रथ खण्ड खण्ड करि डार्यो ||

बिरथ-बिकल कियो, छीन लीन्हि सिय, घन घायनि अकुलान्यो |
तब असि काढ़ि, काटि पर, पाँवर लै प्रभु-प्रिया परान्यो ||

रामकाज खगराज आजु लर्यो, जियत न जानकि त्यागी |
तुलसिदास सुर-सिद्ध सराहत, धन्य बिहँद बड़भागी ||