कोई लम्बी कहानी ही
बयान कर सके शायद
उसकी थकान
जो मुझसे
दो बच्चों की दूरी पर
न जाने कब से
क्या-क्या सिलते-सिलते
हाथों में
सुई धागा लिए हुए ही
सो गई है ।
कोई लम्बी कहानी ही
बयान कर सके शायद
उसकी थकान
जो मुझसे
दो बच्चों की दूरी पर
न जाने कब से
क्या-क्या सिलते-सिलते
हाथों में
सुई धागा लिए हुए ही
सो गई है ।