Last modified on 11 जून 2011, at 09:41

गंधर्व-ताल / हरिवंशराय बच्चन

Tusharmj (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:41, 11 जून 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=हरिवंशराय बच्चन }} :'''लछिमा का गीत''' :::छितवन की, छि…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

लछिमा का गीत
छितवन की,

छितवन की ओट तलैया रे,

छितवन की!


जल नील-नवल,

शीतल, निर्मल,

जल-तल पर सोन चिरैया रै,

छितवन की,

छितवन की ओट तलैया रे,

छितवन की!


सित-रक्‍त कमल

झलमल-झलमल

दल पर मोती चमकैया रे,

छितवन की,

छितवन की ओट तलैया रे,

छितवन की!


दर्पण इनमें,

बिंबित जिनमें

रवि-शि-कर गगन-तरैया रे,

छितवन की,

छितवन की ओट तलैया रे,

छितवन की!


जल में हलचर,
कलकल, छलछल

झंकृत कंगन

झंकृत पायल,

पहुँचे जल-खेल-खेलैया रे,

छितवन की,

छितवन की ओट तलैया रे,

छितवन की!


साँवर, मुझको
भी जाने दे

पोखर में कूद

नहाने दे;

लूँ तेरी सात बलैया रे,

छितवन की,

छितवन की ओट तलैया रे,

छितवन की!