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प्रीत-3 / विनोद स्वामी

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रूई सूं धोळो आपणो प्रेम
रूई चुगण रै सीजन
कीं और ई बध ज्यांवतो।
तूं अेक दिन कैयो हो नीं कै
रूई चुगण रो काम
बारामासी क्यूं कोनी चालै?